जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
पंजाब–सिंधु–गुजरात–मराठा,
द्राविड़–उत्कल–बंग।
विंध्य–हिमाचल–यमुना–गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।
सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम्
शस्य श्यामलाम् मातरम्
शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनीम्
फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिनीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम्
वन्दे मातरम !
हे प्रभु परमेश्वर! टाज मुझे ऐसी प्रेरणा दीजिये कि -
मैं अपना यह दिन सार्थक ढंग से बिता सकूं! मुझ पर ऐसी कृपा कीजिये कि -
मैं आपकी निगरानी मे रहकर आपकी शक्ति से कार्य कर सकूं।
आपके ज्ञान के बल पर सदा सत्य पथ पर चल सकूं। आप मेरी सहायता कीजिये कि-
मैं दूसरो की निन्दा की जगह उनकी सच्ची प्रशंसा करुं।
मैं दूसरो को निराश करने की अपेक्षा उन्हें प्रोत्साहित करूं। और दिन भर आपके प्रेम
में और भाई बहिनों के प्रेम में जीऊँ।
हे दयालु पिता ! आज और जीवन के हर दिन मुझे ये वरदान देते रहिये।
हे कल्याण कारी प्रभु पिता! आज मेरी सहायता कीजिये ताकि
मैं अपने क्रोध पर काबू कर पाऊँ।
मैं विनम्र होकर अपनी कमजोरियों को पहचान सकूं।
मैं दीन बनकर आपकी सहायता खोजूं।
मैं आज्ञाकारी बनकर जीवन की सब बातो को आपकी इच्छा जानकर हर्ष स्वीकार करूं।
हे दया के भण्डार प्रभु! मुझे इन सत्यो को समझने मे सहायता कीजिये।
कि महान उपलब्धियां मेहनत और लगातार मेहनत से प्राप्त होती है।
कि बिना अध्ययन के कोई भी ज्ञान हासिल नहीं किया जा सकता।
कि कठिन परिश्रम के बिना कोई सफलता हाथ नही लगती।
कि बिना अनुशासन के कोई भी पुरस्कार नही मिलता।
कि दूसरो के साथ सहयोग किये बिना कोई खुद दूसरों से सहयोग नही पाता।
हे सब वरदानों के पिता हमारे
आज सारा दिन आप मुझे अपने आशीर्वाद और सुरक्षा तले रखने की कृपा कीजिये।
आज सब उतार चढाव कठिनाई और सुगमताओं को समान भाव से स्वीकार करने का मुझे साहस दीजिये।
अपने कर्तव्यों के प्रति मुझे निष्ठावान बनाइये।
भले और परहित कार्यो में ही आनन्दित होना मुझे सिखाइये।
सबके प्रति दयालु और संवेदनशील होने की मुझे शिक्षा दीजियें।
हे दयालु पिता आज और जीवन के हर दिन मुझे ये वरदान देते रहिये।
सब जीवन, प्रज्ञा और अधिकार के स्त्रेात पिता! मैं आपके दीनतापूर्वक याचना करती हूँ
-
आप मेरे माता-पिता, गुरूजनों और बडों पर अपनी आशीष की वर्षा कीजिये।
आज और जीवन भर मुझे उनके प्रति आदर, सम्मान दर्शाने और आज्ञाकारी बने रहने का मर्म
समझाइये।
मैं अपने वचन, कार्य और आचरण से उनको गौरव प्रदान करूँ।
अपनी सफलता में सदा उनको पर्याप्त श्रेय देती रहूँ।
मैं अपने अध्ययन को सुव्यस्थित और नियमित ढंग से सम्पादित कर सकूं।
हे दयालु पिता! आज और जीवन के हर दिन मुझे ये वरदान देते रहिये।
हे सब आनन्द और शान्ति के आधार प्रभु पिता।
आज मुझे यह वरदान दीजिये कि मैं जीवन के सकारात्मक पक्ष पर अधिक बल दे सकूँ।
मैं दूसरों को उनकी कठिनाईयों मे मदद कर सकूँ।
हर परिस्थिति में मैं क्रोध पर काबू रखकर संतुलन बनाये रख सकूँ।
मेरे सब कार्य सुगमता से सफलता की ओर बढते रहें।
मै कमजोर छात्राओं की मदद करूँ।
हे दयालु पिता! आज और जीवन के हर दिन ये वरदान देते रहिये।
विश्व शान्ति के लिए प्रार्थना
हे प्रभु मुझे अपनी शान्ति का संवाहक बना।
जहां घृणा हो, वहाँ मुझे प्रेम पैदा करने दे,
जहाँ अपहार भावना हो, वहाँ मै क्षमा करूँ,
जहाँ मत-भेद हो, वहाँ एकता बनाऊँ,
जहाँ शंका हो, वहाँ श्रद्वा,
जहाँ निराशा हो, वहाँ आशा,
जहाँ अन्धकार हो, वहाँ प्रकाश और जहाँ,
दुःख हो वहाँ आनन्द का संचार करने दे।
हे, दिव्य गुरू मुझ पर ऐसी कृपा कर कि मैं सात्वंना पाने की अपेक्षा, सांत्वना देने
का प्रयत्न करूँ। कोई मुझे समझे अपेक्षा मैं दूसरो को समझूँ। कोई मुझे प्रेम करे इसकी
अपेक्षा, मैं दूसरों से प्रेम करूँ। क्योंकि दान से प्राप्ति होती है। क्षमा करने से
ही क्षमा मिलती है और मरण में हम अनन्त जीवन प्राप्त कर सकते है।
हे प्रभु परमेश्वर, आप दया के सागर हैं। आपकी कृपा से आज प्रातः मैं उठ सकी हूँ। हे
प्रभु मुझ पर सदा अपनी कृपा दृष्टि रखिये। मुझे निर्मल बुद्धि दीजिए कि मैं आपके इस
दान का ठीक प्रयोग कर सकूँ। अपने माता-पिता, शिक्षको तथा बडों का आदर करूँ तथा छोटों
से प्रेम का व्यवहार करूँ अपने मित्रों तथा सभी छात्रों से मिलकर रहूँ। कभी किसी के
दिल को दुःख न पहुँचाऊँ। हमारे देश के नेताओं को सदबुद्धि दे कि वे दुःख दर्द को दूर
करें। सम्पूर्ण मानव पर अपना आशीष बरसा कि सब शांति व भाईचारे से रहें। मुझ पर तथा
मेरे मित्रों पर भी अपनी आशीष की वर्षा कर कि हम सब सदाचरण करते हुए सत्य तथा प्रेम
के पथ पर अग्रसर होते जायें।
हे प्रभु परमेश्वर आज पूरे दिन आपने जो ज्ञान तथा नयी-नयी बातें मुझे गुरूजनों तथा
मित्रों द्वारा सिखाई हैं उसके लिए मैं तुझे धन्यवाद देती हूँ हे प्रभु मुझ पर कृपा
कीजिये कि जो ज्ञान मैंने आज प्राप्त किया है, उसे याद रखूँ तथा उससे अपने जीवन में
प्रेरणा प्राप्त कर एक अच्छा नागरिक बनकर देश की सेवा कर सकूँ। हे प्रभु! मैं सभी वरदानो
के लिए कोटी कोटी ध्न्यवाद देती हूँ।